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लेखन प्रतियोगिता 22.7.22 मुक्तक : नाराज

मुक्तक  


मुक्तक  : 
वो दौर निकल गया तो ये दौर भी निकल जायेगा 
बहारों का मौसम फिर से, पलटकर जरूर आयेगा 
आशाओं के दीयों को कभी बुझने ना देना ऐ दोस्त 
एक दिन ये आसमां,  तेरे कदमों में सिर झुकायेगा 

श्री हरि 
22 7 22 

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7 Comments

Rahman

24-Jul-2022 10:52 PM

👌👌👌

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Saba Rahman

24-Jul-2022 11:32 AM

😊😊

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नंदिता राय

23-Jul-2022 08:54 AM

बहुत खूब

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